Friday, April 1, 2011

Sand Fantasy



And excellent way of story telling! :-) Hats off to the artist!

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भगवानदास माहौर (स्मृतिदिन १२ मार्च १९७९)

में विद्रोही हूँ उत्पीड़क सत्ता को ललकार रहा हूँ  खूब समझता हूँ में खुद ही अपनी मौत पुकार रहा हूँ  मेरे शोणितकी लालीसे कुछ तो लाल धरा हो...